Friday, February 16, 2018

एक खिड़की जो लेखकों की दुनिया में खुलती है.

 
आलेख 
जवाहर चौधरी 

लोग लेखकों के बारे में जानना चाहते हैं, उनमें यह जानने की जिज्ञासा बनी रहती हैं कि उनका प्रिय लेखक अपने निजी जीवन में कैसा है ? उसका खानपान, रहन सहन, आदतें, सनक ही नहीं उसके रिश्ते, परिवार, जिम्मेदारियों में उसकी पहल, उसके जीवन से जुड़ी घटनाएँ, दुःख -  तकलीफ आदि सब कुछ वह जानना चाहता है. हर लेखक अपने आप में अलग है, कोई खड़े हो कर लिखता है तो कोई लेट कर, किसी को एकांत चाहिए तो किसी को संगीतवह जानना चाहता है कि लेखक अपने को लिखने के लिए कैसे तैयार करता है.  लेखकों की आत्मकथाओं से वह बहुत कुछ जान भी जाता है. लेकिन आज के समय में बड़ी और मोटी किताबें पढने का समय हर किसी के पास नहीं है.  सूरज प्रकाश अपने पाठकों की इस दिक्कत को ध्यान में रखते हुए अपनी इस पुस्तक में वह सब देने का प्रयास करते हैं जो पाठकों की जिज्ञासा शांत करने के लिए जरुरी है. सूरज प्रकाश हिंदी साहित्य का एक जाना माना नाम है, जिनके उपन्यास,कहानी संग्रह और कई अनुवाद व जीवनियाँ पाठको द्वारा सराही गयी हैं. वे संभवतः अकेले ऐसे रचनाकार हैं जो साहित्य की अनेक विधाओं में सामान कुशलता से सक्रीय हैं. यहाँ सूरज प्रकाश की नयी किताब ‘लेखकों की दुनिया’ की चर्चा है जो पुस्तक प्रेमियों के बीच बहुत लोकप्रिय हो रही है. ढाई सौ पृष्ठों में संकलित सामग्री तीन भागों में है, पहला - लेखकों की दुनिया अजब-गजब, दूसरा - लेखकों की दुनिया और दुनिया के लेखक,  और तीसरा है -  कुछ लेखकों के रोचक किस्से.  
‘लेखकों  की दुनिया’ में देश -विदेश के लगभग पचहत्तर लेखकों के बारे में रोचक जानकारी संकलित हैं. मसलन अमृतलाल नागर के घर में कानपुर था जहाँ बैठ कर वे लिखा करते थे. अगाथा क्रिस्टी कहानी का प्लाट सोचने के लिए टब में बैठ कर सेब कुतरा  करती थीं. अनेक लेखक कार में बैठ कर लिखा करते थे. बहुत से शब्द गिन कर लिखते थे, जैसे हजार शब्द प्रतिदिन. कहानीकार नानक सिंग, राजेन्द्र यादव, उपेन्द्रनाथ अश्क  और मोहन राकेश पहाड़ पर जा कर लिखते थे. वाल्टर स्कॉट घोड़े की पीठ पर बैठ कर कविता लिखते थे.अमृता प्रीतम रात के वक्त लिखती थीं ताकि कोई आवाज बाधक न बने. राही मासूम रजा शोर भरे माहौल में लिखना पसंद था. यही नहीं लेखकों के जीवन से जुडी अनेक शोधपरक जानकारियां इस किताब को बहुत मूल्यवान बना देती हैं. पाठको के लिए यह जानकारी विशिष्ट अवसरों पर उल्लेख कर संवाद को रोचक और सारवान बनाने में उपयोगी है. किताब साहित्य और लेखन के तमाम अनजाने पहलुओं से इस तरह परिचित कराती है कि हम लेखकों से एक तरह का जुडाव महसूस करने लगते हैं. कहा  जा सकता है कि हर पुस्तक प्रेमी की शेल्फ के लिए यह एक जरुरी किताब है. नये पाठकों के लिए यह मार्ग प्रशस्त करती है और पुराने पाठकों को अपने प्रिय लेखक का दोस्त बनती है. 
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