अपने गिरेबां में
ग़ालिब-ए-खस्ता के बगैर, कौन से काम बंद हैं ... रोइए ज़ार ज़ार क्या, कीजिये हाय हाय क्यों .
गोइंका व्यंग्यभूषण सम्मान
गोइंका व्यंग्यभूषण सम्मान
उपन्यास
अपने गिरेबां में
लघुकथाएं
व्यंग्यश्री - 2014
कुछ यादें, बेतरतीब सी .....
Hindi vyangya
Wednesday, April 28, 2010
* राजा विक्रम और हिन्दी का पिशाच
( कृपया निम्न एड्र्ेस को कापी-पेस्ट से सर्च करें । )
http://www.udanti.com/2010/04/blog-post_8224.html
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