तादयुस्ज रोज़विच (पोलिश Tadeusz Różewicz - जन्म 9 अक्टूबर 1921) यूरोप के महान कवियों मे से हैं। कविता और नाटक दोनो विधाओं मे उन्होने पोलिश साहित्य मे ऐतिहासिक फेरबदल किया है। सत्ताकेंद्रित राजनीति मे मौजूद किसी भी तरह की हिंसा को उन्होने कभी भी स्वीकृति नहीं दी। दूसरे विश्वयुद्ध के परिणामों को वे कभी सह नहीं पाए। नाज़ीवाद ने जब आश्वित्ज़ मे बर्बर जन-संहार किया तब सारी दुनिया मे यह प्रश्न पूछा जाने लगा था कि क्या अब भी कविता लिखी जा सकती हैं? पोलिश कविता के नए रूप के आविष्कार के साथ रोज़विच ने कविता को संभव बनाया। उनके पास अद्भुत काव्यात्मक ईमानदारी है। रोज़विच की कविताओं की साधारणता और विलक्षण सरलता देखने लायक है।
कवि एक ही भाषा में
बात करता है
बच्चे से
घुसपैठिए से
धर्मगुरु से
राजनीतिक से
पुलिस वाले से
बच्चा मुस्कुराता है
घुसपैठिए को लगता है
उसका मखौल बन रहा है
राजनीतिक अपमानित अनुभव करता है
धर्मगुरु को खतरा महसूस होता है
पुलिसवाला
कमर कसने लगता है
शर्मिंदा कवि
क्षमा मांगता है
और अपनी गलती
दोहराता है
*पोलिश कवि - तदेऊष रुज़ेविच
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